गुरुवार, 26 मई 2016

आंखेंं खुश्क रहें



-इंदु बाला सिंह

यारा !
रो लेना
इतना ...... अकेले में
कि
आंखेंं खुश्क रहें   ... सबकी ईर्ष्या की पात्र रहें ...
तेरे आफिस में । 

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