बुधवार, 5 अगस्त 2015

ट्रेन में स्वच्छता अभियान


05 August 2015
13:23
-इंदु बाला सिंह


ट्रेन ने
छोड़ा प्लेटफार्म......
छुटे
अपने
और मित्रगण
थोड़ी ही देर में
आ गये .....
बिखरे बालवाले
गदां कपड़ा पहने दो नाबलिग़ लड़के
बुहारने लगे
वे दोनों
बर्थ की जमीन पर गिरे बिस्कुट , टाफी के रैपर .......मूंगफली के छिलके
फिर
हर यात्री के सामने फ़ैलाने लगे अपना हाथ
किसी ने एक रूपये का सिक्का दिया
तो किसी दयालु ने दिया ...दो रूपये का सिक्का
मैंने मुंह फेर लिया ....
यह कैसा स्वच्छता अभियान चल रहा है
ट्रेनें साफ़ की जा रही हैं
कहाँ है
इन बच्चों का स्कल ......मध्यान्ह भोजन .......
नशा करते होंगे
चोरी भी करते होंगे ......ये बच्चे
दोषी कौन ?
रेलकर्मचारी या यात्रीगण |




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