मंगलवार, 11 अगस्त 2015

मन नहीं मरता


11 August 2015
13:40


-इंदु बाला सिंह


मन
इतिहास है
वह नहीं मरता ........
वह जीता है ......तृप्त होता है .........
अपनों की आकांक्षाओं में ......
मन 
कहानियां बन
मुखरित होता हैं
पुस्त दर पुस्त
किसी
खाली दुपहरिया
या
किसी शाम की बतकही में ...
आज भी गाते हैं
हम
कहानियां अपने पूर्वजों की |

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