04 August
2015
22:44
-इंदु बाला
सिंह
माँ
ने चाहा .......
बिटिया लिखना
पढ़ना सीख ले
कम से कम
चिट्ठी पत्री लिख लेगी
पिता ने चाहा
......
बिटिया पढ़ ले
मुसीबत में काम आयेगा
बेटी ने सोंचा
........
पढाई क्या
मुसीबत में काम आने के लिये होती है ?
पढ़ाई
तो
शौक होती है
जिज्ञासा होती
है
कमाई का साधन
होती है
नौकरी करने
नहीं मिलेगा ससुराल में तो मैं क्यों पढूं ?
क्या किसी
अनागत मुसीबत का पहाड़ पार करने के लिये पढूं ?
क्यों डिग्री
बटोरूं ...........
और
आगे की
जिंदगानी
होती है हर
बेटी की अलग अलग कहानी
जिसने भोगी
उसने जानी |
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