Thursday, February 01, 2018
9:28 AM
9:28 AM
-इंदु बाला सिंह
डूबता सूरज सा मन मनहूस होने लगता है
शायद मन ही मनहूस हो गया है .... न जाने क्यों !
वर्ना दिन भर के श्रम से शिथिल पड़ा बादलों की सेज पर विश्राम करता सूरज कभी दुखी न महसूस होता ..
सूरज तो सुख निद्रा में डूबा है
उसे सुबह उठना है
उसके कंधों पर जिम्मेवारी है |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें