शुक्रवार, 22 जुलाई 2016

बेटी तो बस बेटी ही है



- इंदु बाला सिंह


बेटी   ........ कहलाती है बेटा
सम्हालती है ....... जब वह अपने माता  पिता को   ..... आर्थिक रूप में
और भाई के पास ढेर सारे बहाने हैं   .......  देखभाल न कर  पाने के अपने जन्मदाता का  ।
आखिर क्यों खुश होती है बेटी   ... खुद को बेटा कहलाए जाने पर  .........
क्या  बेटे सा मान पानेवाली   बेटी ....... पुरुष सत्ता , निरंकुशता  की परिचायक नहीं    ......
बेटी तो    .... बस   ...... आजीवन बेटी ही रहती है । 

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