गुरुवार, 26 जुलाई 2012

श्री अमुक


पिता के स्वर्गवासी होते ही
माता पिता का संयुक्त बचत खाता
हजम हुआ
माता के प्राणवायु उड़ते ही
बदरंग पैतृक मकान चमक उठा
नए रंग रोगन से
नए किरायेदार गए
श्री अमुक का पता
मिट गया
उसे जरुरत भी थी |

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