मुझे तुम याद आते हो
तो तुम्हारी पृष्ठभूमि
में
खड़ी कार , मकान भी कौंध जाता है
भला
ऐसा क्यों ?
शायद यही है
पुरुष सत्तात्मक मानसिकता की देन
कोई मुझे याद
करता होगा
तो
उसे क्या याद होगा ?
शायद सुन्दर सा एक ऐसा शरीर
जिसे अपने घर में
रख पाला जा सके
काम में लाया जा सके |
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