बुधवार, 28 अक्टूबर 2015

ओ ! जानेवाले टूटते तारे



-इंदु बाला सिंह

ओ !
जानेवाले टूटते तारे
दे जाओ
कुछ भी
तुम जाते जाते
बस  जाओगे
तुम
मेरे अन्तस्तल में |

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