11
October 2015
13:01
-इंदु बाला
सिंह
बोलना न बोल
ऐसे
कि
बन जायें वे
कभी न भर
पानेवाले घाव
अपनों के दिल में
अपनों के दिल में
और
बन जायें
बन जायें
वे पल
मोड़ जीवन के |
हर बार समझौते
करनेवाला भी
ले ही लेता है
निर्णय कभी कभी ...............
देखते ही
देखते
पल भर में
मुड़ जाती हैं
राहें |
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