My 3rd of 7 blogs, i.e. अनुभवों के पंछी,
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मंगलवार, 22 सितंबर 2015
बचा के रखो
-इंदु बाला सिंह
बस यूं ही कहने की बातें हैं
मुसीबत में
काम आते हैं अपने
बचा के रखो यारो ! अपना स्वाभिमान और स्वावलंबन
अपने हृदय के बैंक में
जब चाहो निकाल लोगे इन्हें तुम
अपने विचार के ए० टी ० एम ० से
और
खरीद लोगे
तुम पल भर में
अपनी मुस्कुराहट इनसे ।
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