गुरुवार, 27 फ़रवरी 2025

कालोनी का पार्क

27/02/25




#इन्दु_बाला_सिंह


पार्क में स्लाइड , सी सा और तीन झूले बालूआही ज़मीन पर हैं 


बालू ही खेल का मैदान है …


बालू के मैदान में 


एक दो साल की बच्ची मुठ्ठी में  बालू उठा रही है 


फिर उस बालू को एक जगह से उठा कर दूसरी जगह डाल रही है 


वह अपने खेल में मगन है …


अब उसने बालू अपने जूते में भर लिया है 


बालू भरा जूता हाथ में पकड़ 


स्वयं को संतुलित करते हुये वह बच्ची स्लाइड की सीढ़ी पर चढ़ गयी है 


हाथ का जूता ऊपर ही भूल कर  फिसल कर नीचे आ गयी 


उसने देखा 


अरे!


हाथ में बालू भरा  जूता नहीं है 


वह फिर चढ़ गयी स्लाइड पर 


और इस बार वह बालू भर जूते के साथ फिसली 


बालू के संग खेल में मगन है बच्ची …


पास में 


बच्ची की मम्मी जी 


अपने मोबाइल में बतियाने में मगन है .…


बगल में


 ट्रैक पर से साइकिल में  एक दो वर्ष का बच्चा गुजरा 


उसके एक हाथ में एक बड़ा सा पत्ता 


और दूसरा हाथ साइकिल के हैंडल पर …


दूर में दो तीन क्लास के बच्चे घास पर लॉक एंड की खेल रहे हैं 


बच्चे पार्क में हैं …


मोबाइल से दूर हैं ऐसी बात नहीं 


सात आठ क्लास के बच्चों का एक झुंड मोबाइल पर झुका हुआ है ।


रात  को कुछ बच्चे फुटबॉल भी खेलते हैं 


मुझे इन बच्चों को कम जगह में फुटबॉल खेलते देख हैरत होती है 


और उससे ज़्यादा हैरत होती है 


लड़कों के झुंड में 


एक लड़की को  फुटबॉल खेलते देख 


हर रोज़ भोर में 


 कालोनी का पार्क बच्चों को देख जाग जाता है


और 


रात में  बच्चों के न रहने पर 


ऊँघने लगता  है  ।


#indubalasingh #hindipoetry

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