सोमवार, 23 दिसंबर 2024

धूप ! कहाँ हो तुम



#इन्दु_बाला_सिंह


कमरे से बाहर निकलो तो धूप नहीं मिलती है 


मुफ्त का विटामिन डी कैसे मिले 


बदन गर्म कपड़ो से ढँका है 


सामने तार पर सूखते कपड़े धूप विहीन हैं 


केवल हवा उनकी मित्र है 


वह उनका गीलापन दूर कर रही है 


बाहर पार्क कोहरे में डूबा है 


सड़कों पर वाहनों के जलती रोशनी मात्र दिख रही है 


हार कर मैं निकल पड़ी 


धूप के तलाश में 


कहीं तो मिलेगी 


दिसंबर महीना सस्ती और तरह तरह की सब्जियां खिलाता है


पर 


छुपा लेता है धूप । 




17/12/24

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