#इन्दु_बाला_सिंह
वे भी क्या दिन थे
जब गोरे चिट्टे युवा को काली पत्नी मिलती थी
आये दिन पति को वह चार बातें सुनाती थी
घर में पत्नी का साम्राज्य रहता था
और
घर में रहता था पति नाम का एक प्यारा सा व्यक्तिव
आज पार्क में खेलते लड़के
आपस में गालियाँ बक रहे हैं
घर में वे दे रहे हैं अपनी माँ बहन को गंदी गंदी गालियाँ …
आज युवाओं को
अर्धांगिनी नहीं पत्नी के रूप में सेविका चाहिये
ऐसी सेविका जो बाहर से कमा कर लाए
घर में बच्चों की देख भाल करे
उन्हें संस्कारवान बनाये
और
अपने आफिस की समस्याओं का ठीकरा वे उस पर फोड़ सकें
आत्महत्या करे तो जिम्मेवार अपनी पत्नी को बनाये
उसकी औलादें अपने पिता से सीख रहीं हैं
जीने का तरीका ।
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