- इंदु बाला सिंह
गजब की थी लगन
और था जुनून
अंधी दौड़ थी उसकी
दर्शक मौन थे
पीठ पीछे खुसुर पुसुर था
कोई बुरा न कहलाना चाहता था
आग ले के पैदा नहीं हुई थी वह
समय ने लगा दी थी आग उसके जिगर में ....
मैं इंतजार में थी उसकी आग के ठंडे होने की
ज्वालामुखी ठंडा होता है तो उससे निकली धातू बड़े काम आती है
सुप्त ज्वालामुखी के पास घर भी बसता है ।
गजब की थी लगन
और था जुनून
अंधी दौड़ थी उसकी
दर्शक मौन थे
पीठ पीछे खुसुर पुसुर था
कोई बुरा न कहलाना चाहता था
आग ले के पैदा नहीं हुई थी वह
समय ने लगा दी थी आग उसके जिगर में ....
मैं इंतजार में थी उसकी आग के ठंडे होने की
ज्वालामुखी ठंडा होता है तो उससे निकली धातू बड़े काम आती है
सुप्त ज्वालामुखी के पास घर भी बसता है ।
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