सोमवार, 11 मार्च 2013

आरक्षण ?


खेत है खलिहान है
रहने को बड़ा सा कच्चा घर है
पर पैसा नहीं है
औरतें पास के शहर में घरेलू काम करने चली आती हैं
जूते बर्तन धोना
कमरा साफ करना उन्हें बुरा नहीं लगता
श्रम की कीमत इन महिलाओं के परिवारवालों से हम सीखे
ये मुक्त नारियां हैं
नारी मुक्ति आन्दोलन से इन्हें कोई मतलब नहीं
आरक्षण क्या होता है इन्हें पता नहीं
पर इन्हें इनके बच्चे बताते हैं सरकारी योजना के बारे में
विद्यालय से ज्ञान मिलने पर
ये सरल जमीं से जुड़े लोग हमारे लिये उदाहरण हैं
आखिर क्यों सुविधाभोगी हो रहे हैं हम
ये कौन सी राजनीति चल रही है हमारे इर्द गिर्द
शायद इनके बच्चे पढ़ कर शहरी बन जांय |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें