पिता का इलाज करवाने
शहर से बाहर के बड़े अस्पताल में दिखाने
की फुर्सत न
थी पुत्र के पास
रिश्तेदारों
से मिलने चला आता था
वह पिता के
घर
लोगों को
पहचानना भी जरूरी था
पिता की मौत
के बाद
चमक गया घर
मकान मालिक
बन गया था वह
उसने
पिता के समय के किरायेदारों को निकाल दिया
नया राजा
अपने ढंग से
राज्य के
दर्शनीय स्थल बनवाने लगा
माँ का क्या
वह एक
पूजनीय मुर्ति होती है
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