सोमवार, 11 मार्च 2013

पूजनीय है माँ


पिता का इलाज करवाने
शहर से बाहर के बड़े अस्पताल में दिखाने 
की फुर्सत न थी पुत्र के पास
रिश्तेदारों से मिलने चला आता था 
वह पिता के घर
लोगों को पहचानना भी जरूरी था
पिता की मौत के बाद
चमक गया घर
मकान मालिक बन गया था वह
उसने पिता के समय के किरायेदारों को निकाल दिया
नया राजा अपने ढंग से
राज्य के दर्शनीय स्थल बनवाने लगा
माँ का क्या
वह  एक पूजनीय मुर्ति होती है 

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