शुक्रवार, 9 सितंबर 2016

लड़की तुम योद्धा हो



- इंदु बाला सिंह


लड़की !
तुम प्रिया  नहीं , योद्धा हो
तुम्हें लड़ना है समाज की स्त्री से   .... पुरुषों से ......
लड़की !
तुम सामान हो   ....... तुम्हें दान कर पिता पूण्य कमाता है   ......
तुम कामगर हो ....  मजबूरी की प्रतीक हो ......
लड़की !
तुम पूजनीय हो   ...... इंसान नहीं समझी जाओगी
तुम्हारी गलतियां क्षम्य नहीं   .....
लड़की !
तुम योद्धा हो  ..... तुम्हें लड़ना है   ........ आजीवन लड़ना है
अपने हक के  लिये लड़ना है ....... अपने अस्तित्व के लिये लड़ना है । 

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