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शनिवार, 10 सितंबर 2016
तलाशूं मैं
- इंदु बाला सिंह
सड़क के इस मोड़ पर पहुंच
न जाने क्यों लगने लगा आज ..... ईश्वर कुहासा है ... भ्रम है ..... नशा है .... राजनीति का जरिया है ...
ऐसा भला क्यों ?
माना यह एक अनुत्तरित प्रश्न है
पर
आज मुझे तलाश है ....... इसके उत्तर की ।
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