#इन्दु_बाला_सिंह
लड़की
बचपन में पिता के दान पर पली
बड़ी हुई तो बोझ बनी
दान की गयी
पर पुरुष को
अब यहाँ अहसान और दान का खा रही थी वह
वृद्धावस्था में बेटा के दान का खाने लगी .…
बेटी खुद दान का खा रही थी
वह दान देने के काबिल ही नहीं थी
लड़कियाँ फ़क़ीर होतीं हैं
भटकती रहतीं हैं
अन्न के लिये ।
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