रविवार, 13 अप्रैल 2025

बहन की तेरही

  

 

 

यूँ ही नहीं कहानियाँ नहीं है कही जातीं हैं कहानी

 

कंस मामा की

 

आज भी है  कंस मामा

 

छूने नहीं देता बहन के परिवार को पैतृक संपत्ति

 

कुटिल हो कहता है

 

नहीं मिलती बेटी को संपत्ति

 

समाज के आँख पर पट्टी बँधी है

 

तृप्त होता है आज भी कंस मामा

 

बहन के मौत पर

 

तेरही पर भी नहीं जाता

 

अच्छा हुआ हक़दार ने आँखें मूँदी

 

 


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