गुरुवार, 4 अक्टूबर 2018

ठोंको न ! ...दरवाजा

- इंदु बाला सिंह

समय की मांग है ..

चलना है ... चलते रहना है  ।

हर पल ठोंकते रहना है ... किस्मत का दरवाजा

कभी न कभी तो खुलेगा दरवाजा ....

आज नहीं तो कल ... कल नहीं तो परसों या नरसों ।

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