-इंदु बाला सिंह
दुखी है वह
गुजर गयी उसकी बेटी ...
अपमानित है वह
कितना तड़पी होगी बेटी बलात्कार के समय ...
उसकी बेटी सपना संजोयी थी ..
नवमी में मिलनेवाले अच्छे खाने का ... पैसों का ....
बस्ती की सभी लड़कियां चहक रही हैं ..
दौड़ रही हैं ...
वह सूनी आंखों से देख रही है खुले दरवाजे की ओर
अभी पिछले सोमवार की ही तो बात है जब वह बाहर सड़क पर खेल रही थी ...
फिर गायब हो गयी थी उसकी आठ वर्षीय बच्ची...
आज सब बेटियों की माँ चहक रही है ... खुश हैं
और वह सोंच रही है क्यों उसने जना था बिटिया ।
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