- इंदु बाला सिंह
धोखेबाज से बचियो
ओ रे साथी !
लूटेगा वो दिखा के सपने ...
दोष .... तेरे सपने का नहीं
तेरा है ....
तूने अपनी अंतरात्मा पर अविश्वास किया ।
साथी की आंखे न पढ़ सका तू ।
धोखेबाज से बचियो
ओ रे साथी !
लूटेगा वो दिखा के सपने ...
दोष .... तेरे सपने का नहीं
तेरा है ....
तूने अपनी अंतरात्मा पर अविश्वास किया ।
साथी की आंखे न पढ़ सका तू ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें