गुरुवार, 25 अक्टूबर 2018

साथी

- इंदु बाला सिंह

धोखेबाज से बचियो

ओ रे साथी !

लूटेगा वो दिखा के सपने ...

दोष .... तेरे सपने का नहीं

तेरा है ....

तूने अपनी अंतरात्मा पर अविश्वास किया ।

साथी की आंखे न पढ़ सका तू ।




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