- इंदु बाला सिंह
ओ उड़ीसा के दाना मांझी !
तुम्हें देख
न जाने क्यों
मुझे
याद आये
प्रिया सती के शव को कन्धे पे लादे शिव .........
हमारी व्यवस्था को देख
महाकाल की भृकुटि तो नहीं तनी
कहीं वे तांडव तो नहीं कर रहे आज .... मन में एक प्रश्न अंगड़ाई ले रहा है आज ।
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