My 3rd of 7 blogs, i.e. अनुभवों के पंछी,
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सोमवार, 22 अगस्त 2016
मैं खुश हूँ आज
- इंदु बाला सिंह
लो ! मैं उड़ चला
छू लिया .... मैंने बादलों को
मेरे नीचे खड़े है आवाक् ..... मेरे पड़ोसी .... मेरे रक्त सम्बन्धी
लो ! मैंने आज भरी मन चाही उड़ान ...
मैं खुश हूँ आज ।
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