सोमवार, 22 अगस्त 2016

मैं खुश हूँ आज

- इंदु बाला सिंह

लो ! मैं उड़ चला
छू लिया .... मैंने बादलों को
मेरे नीचे  खड़े है आवाक्   ..... मेरे पड़ोसी .... मेरे रक्त सम्बन्धी
लो ! मैंने आज भरी मन चाही उड़ान   ...
मैं   खुश हूँ आज ।

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