गुरुवार, 11 अगस्त 2016

सच को तलाशूं मैं



- इंदु बाला सिंह

सच छुपा बैठा था मुझमें
और बावरा मैं तलाश रहा था उसे
सड़कों पे । 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें