रविवार, 26 जून 2016

असमानता




- इंदु बाला सिंह



तुम सूरज हो ..... में धरती
बेहतर है  ...... हम दूर रहें  ....... अपनी परिधि में ही विचरण करें  .......
यह न पूछना - आखिर क्यूं   | 

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