13 April 2016
23:09
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-इंदु बाला सिंह
आखिर एक दिन काट दिया उसने आम का पेड़
सूख गया था न वह ...........
अब किस काम का था वो ......
किसने देखा था उसे पेड़ के नीचे कचड़ा जलाते ......
यह उसे भी मालूम था कि लोग जानबूझ कर अनजाने बने हुये थे ........
मकान के अच्छे दाम मिल जायें तो ठीक ..........
नाऊ का बेटा बड़ा हो गया था
वह अब अपने पिता की दाढ़ी मूड़ रहा था |
सूख गया था न वह ...........
अब किस काम का था वो ......
किसने देखा था उसे पेड़ के नीचे कचड़ा जलाते ......
यह उसे भी मालूम था कि लोग जानबूझ कर अनजाने बने हुये थे ........
मकान के अच्छे दाम मिल जायें तो ठीक ..........
नाऊ का बेटा बड़ा हो गया था
वह अब अपने पिता की दाढ़ी मूड़ रहा था |
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