मंगलवार, 19 अप्रैल 2016

पार्क


 - इंदु  बाला सिंह

स्कूल की छुट्टियों में सूर्योदय से सूर्यास्त तक पार्क चहकता है
बच्चे  खेलने आते हैं
चेहरे  बदलते रहते हैं    .........
बसी रह जाती हैं
यादें......... मस्तियां बचपन की  .........
यहीं तो खेलते  थे क्रिकेट ......
और
यहां खेलते थे हम बैडमिंटन
रात में   ....... ले के   सामने वाले अंकल के घर से बिजली का कनेक्शन .........
आज पार्क खुश है
एक बच्चे को चार तल्ला बिल्डिंग ठोंकते देख  अपने बगल में   ......
पार्क के बच्चे बड़े  रहे हैं   ......... बाल बच्चेदार हो रहे हैं  ......
पर
पार्क आज भी युवा है । 

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