-इंदु बाला सिंह
आज गरज गरज कर बादल ने अपने छोटे भाई सूरज को धमकाया .........
वह वह कहीं छुप गया है .......
ठंडी हवा चल रही है।.......
बादल ने आश्वासन दिया है हमारे शहर को
वह
हमारी सड़कें धो देगा .....
पेड़ पौधों को सींच देगा .......
आज जी आशान्वित है .....
यूँ लगताहै आज अंकुरित होगा ...... सूखा जी ।
My 3rd of 7 blogs, i.e. अनुभवों के पंछी, कहानियों का पेड़, ek chouthayee akash, बोलते चित्र, Beyond Clouds, Sansmaran, Indu's World.
बुधवार, 27 अप्रैल 2016
शनिवार, 23 अप्रैल 2016
लौट गया बेटा अपनी नौकरी पे
- इंदु बाला सिंह
मॉम बाइ ....... कहा उसने .......
आया था ..... लौट गया बेटा .......
अपनी नौकरी पे अमरीका .....
और पार्क में सुबह की सैर करते वक्त भींग गया मन मेरा ........
माँ की गोदी में ही अपना पिता खोये बेटे को सहारा था अपने देश में रहनेवाली माँ का
और
उसे सहन योग्य था वह अंकल जिसने माँ का हाथ थाम
समाज में सर उठा कर जीने के सपने दिखाए थे
मां के कदमों को मजबूत किया था ........
मां आज सुबह सुबह ही पार्क में गयी ।
मंगलवार, 19 अप्रैल 2016
पानीदार
-इंदु बाला सिंह
कैसे हैं हम
कैसा है हमारा दिल
चारों ओर मचा है पानी के लिये हाहाकार
हमारे घरों में नल से बह रहा है ढेर सारा पानी
हम अपनी गाड़ियां नहला रहे हैं
घर सामने लगाये हैं सीमेंट का का हौदा ........ भरा रहता है सदा पानी से .......
सड़क से गुजरने वाले कुत्ते पानी रहे हैं .... गायें पानी रही हैं ........
हम पूण्य कमा रहे हैं ......
और
हमारे रिश्तेदार मर रहे हैं सूखे से गांव में ....
अरे !
मैंने गोद लिया है न एक गांव.......
मेरी की कामवाली ..... मेरे आफिस के कर्मचारी ......... फैकट्री के कर्मचारी सब को प्रोविडेंट फंड हकदार बनाया है मैंने .......
मैं अपने निकटस्थ का शुभचिंतक हूं .........
मैं पानीदार हूं ।
पार्क
- इंदु बाला सिंह
स्कूल की छुट्टियों में सूर्योदय से सूर्यास्त तक पार्क चहकता है
बच्चे खेलने आते हैं
चेहरे बदलते रहते हैं .........
बसी रह जाती हैं
यादें......... मस्तियां बचपन की .........
यहीं तो खेलते थे क्रिकेट ......
और
यहां खेलते थे हम बैडमिंटन
रात में ....... ले के सामने वाले अंकल के घर से बिजली का कनेक्शन .........
आज पार्क खुश है
एक बच्चे को चार तल्ला बिल्डिंग ठोंकते देख अपने बगल में ......
पार्क के बच्चे बड़े रहे हैं ......... बाल बच्चेदार हो रहे हैं ......
पर
पार्क आज भी युवा है ।
बुधवार, 13 अप्रैल 2016
आम का पेड़ सूख गया है
13 April 2016
23:09
23:09
-इंदु बाला सिंह
आखिर एक दिन काट दिया उसने आम का पेड़
सूख गया था न वह ...........
अब किस काम का था वो ......
किसने देखा था उसे पेड़ के नीचे कचड़ा जलाते ......
यह उसे भी मालूम था कि लोग जानबूझ कर अनजाने बने हुये थे ........
मकान के अच्छे दाम मिल जायें तो ठीक ..........
नाऊ का बेटा बड़ा हो गया था
वह अब अपने पिता की दाढ़ी मूड़ रहा था |
सूख गया था न वह ...........
अब किस काम का था वो ......
किसने देखा था उसे पेड़ के नीचे कचड़ा जलाते ......
यह उसे भी मालूम था कि लोग जानबूझ कर अनजाने बने हुये थे ........
मकान के अच्छे दाम मिल जायें तो ठीक ..........
नाऊ का बेटा बड़ा हो गया था
वह अब अपने पिता की दाढ़ी मूड़ रहा था |
पुत्र प्रेम में मतवाली
-इंदु बाला सिंह
अस्सी वर्षीया मां को रोटी बनाना सिखा रहा था बेटा ........
कामवाली की क्या जरूरत है ?
आखिर पैतृक मकान का किराया भी तो बचना था .......
न जाने कैसे हजम होता है युवा पुत्र को वृद्ध हाथों का पका खाना .......
ऐसे बेटे से तो निपूती ही भली थी तू
ओ री ! पुत्र प्रेम के नशे में डूबी मतवाली ....... पूतवाली ।
मंगलवार, 12 अप्रैल 2016
गर्मी में स्कूल बंद
-इंदु बाला सिंह
सूरज गुस्सा है ... उसका टेम्प्रेचर चढ़ा हुआ है
सरकार ने स्कूल बंद कर दिया है ....
घर में दिन भर ए० सी० चल रहा है ....... बिजली का बिल बढ़ रहा है
मम्मी का पारा चढ़ा हुआ है .....
बच्चे बौखला गये है ......
काश हर घर में दो बच्चे होते
तो
वे मम्मियों को नाकों चने चबवाते ।
पानी की समस्या
- इंदु बाला सिंह
पानी की समस्या गरीबी का उन्मूलन करती है ......
गरीबों की जनसंख्या घट रही है .......
मैं खुश हूं
मेरे अखबार के पास ज्वलंत मुद्दा है ।
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