1990
मैं पका फल नहीं
ये न समझ टपक पडूंगा
किसी एक शाम
मैं तो सच्चाई हूँ
जीवन की
विम्ब हूँ
तुम्हारे कल का
कितना भागोगे स्वयं से !
मैं पका फल नहीं
ये न समझ टपक पडूंगा
किसी एक शाम
मैं तो सच्चाई हूँ
जीवन की
विम्ब हूँ
तुम्हारे कल का
कितना भागोगे स्वयं से !
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