1990
सूरज
दादा !
तुम जल्दी
क्यों आते हो ?
आ भी गये
जल्दी तो
बादलों में
क्यों न छुप जाते हो ?
मुझे नहीं
अच्छा लगता
रोज जल्दी सो
कर उठना
मुंह धोना और
दौड़ लगाना |
क्या ही अच्छा
होता
तुम एक दिन
छुट्टी ले लेते
और मैं सारा
दिन सोता रहता |
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