गुरुवार, 6 दिसंबर 2012

मजदूर


वह
मजदूर है न
इसलिए
भोर होते ही 
खड़े  हो जाना  है
उसे 
मजदूरों की भीड़ में
बड़े लोग आयेंगे
ठीक ठाक दिखनेवाला
मजबूत काठीवाला
मजदूर
चुना जायेगा
और
उसे काम मिलेगा
कहाँ जा कर काम करना पड़ेगा
पता नहीं
भले कड़क आदेश मिलेंगे
बदन टूट जायेगा
पर
काम तो मिलेगा न
तभी तो पैसा मिलेगा
वह यह भी जानता है
पैसे से ही तो
घर है
अरे ! तभी तो रिश्ते भी हैं  |
बूढ़ा
और अपाहिज
होने पर
बड़े लोगों को कोई नहीं पूछता
फिर
वह तो 
मजदूर है |
वैसे
पीना अच्छी आदत है
दिमाग ज्यादा नहीं सोंचता
पर वह
पी नहीं पाता 
घरवालों का निरीह थका चेहरा
याद आता है |
चल रे मन
सो जा |



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