-इंदु बाला सिंह
बेटी उतरी धरती पर
जन्मी खुशी ....
संग लाई वह .... एक अनजाना भय
न जाने कैसा होगा भविष्य ...
पिता उसके .....सुरक्षा कवच थे ...छांव थे
समय उसे ललकारता रहा ...
भय के क्रूर धरातल पर चलते रहे
उसके फौलादी पांव ....
अपने ... उसके गिरने के इंतजार में रहे ।
बेटी उतरी धरती पर
जन्मी खुशी ....
संग लाई वह .... एक अनजाना भय
न जाने कैसा होगा भविष्य ...
पिता उसके .....सुरक्षा कवच थे ...छांव थे
समय उसे ललकारता रहा ...
भय के क्रूर धरातल पर चलते रहे
उसके फौलादी पांव ....
अपने ... उसके गिरने के इंतजार में रहे ।
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