- इंदु बाला सिंह
दिल न दुखाना किसीका
क्या पता कब लग जाय ...आह किसी की ।
क्रोध तो विष है ...धारण कर ले न .... तू आज ..... उसे निज कण्ठ में
क्या पता कब .. नीला कर दे ...वह तेरा तन ।
दिल न दुखाना किसीका
क्या पता कब लग जाय ...आह किसी की ।
क्रोध तो विष है ...धारण कर ले न .... तू आज ..... उसे निज कण्ठ में
क्या पता कब .. नीला कर दे ...वह तेरा तन ।
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