- इंदु बाला सिंह
गिर गिर के चले हम
आंधियो से सहमते रहे हम
न जाने किस आस में जीते रहे हम
आखिर क्यों और न जाने किसका आदर्श बनना चाहते रहे हम ।
आंधियो से सहमते रहे हम
न जाने किस आस में जीते रहे हम
आखिर क्यों और न जाने किसका आदर्श बनना चाहते रहे हम ।
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