मंगलवार, 28 मई 2013

सपने का सच

अपने सपने के पीछे
इतनी तेज न दौड़ अब
अपने छूट जायेंगे
मंजिल भले मिल जाय तुझे
एक हाथ छूट जायेगा
और रात के सपनों में तुझे
एक आवाज पुकारेगी |

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