चोरी में एक
आनन्द है
व्यर्थ में
बदनाम हैं अमीर
आज इमानदारी
देखे नहीं मिलती
लोग कहते हैं
गरीब इमानदार
होते हैं
जितना भी खुश
रखो नौकर को
अच्छा वेतन
दो
घर
से चावल , चीनी , साबुन , सर्फ
चुराने से
बाज नहीं आते वे
कहानियों में
वर्णित इमानदारी मिल ही जाती है हमें
सड़क पर घूमती
हुई कभी कभी
और
वह वापस लौटा देती है
हमें हमारा
हमारा बटुआ मोबाइल ब्रीफकेस |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें