शुक्रवार, 31 मई 2013

अकेला युवा

लोगों को गलतफहमी थी
कि वह अकेला है
पर स्वाभिमान उसका साथी था
उसने सुरा को पास फटकने नहीं दिया
सबकी निगाह में उसका पद कांटे की तरह चुभता था
उसकी तनख्वाह की खुशबू से
रिश्तेदार तिलमिला उठते थे
पर वह अपनी उपलब्धियों के साथ
हमेशा प्रसन्न रहता था
धीरे धीरे
दस वर्ष में
वह रोबोट बन गया |

गुरुवार, 30 मई 2013

इमानदार


वह बौखलाया सा था 
आफिस की फाईलें तेजी से निपटाए जा रहा था 
सरकारी कर्मचारी था 
पर सरकारी कर्मचारी के गुण न थे उसमें 
वह भूल चूका था 
कि फाईलें शाश्वत हैं 
पर वह खुद नहीं 
एकाएक 
उसमें स्वयं चेतना आयी
वह क्यों इतना काम कर रहा है
उसके कामचोर साथी प्रोमोशन पा चुके थे
वह जहां का तहां था
कुछ पल के लिए उसके हाथ रुके
फिर वह अपनी फाईलों में डूब गया |

मंगलवार, 28 मई 2013

अकेली लड़की


बेटी सेवा करती माँ बाप की
रहती अपने दुःख से दयनीय
मिली है वसीयत पुत्र को
बहू सेवा करती सास ससुर की
रहती अपने सुख में सम्माननीय |
सेवा दोनों करें
दोनों न पाते श्रम का मोल
बेटी दबती बहू कुढती
दोनों में न होता कभी मेल
दोनों की जरूरत है यही घर 
और पड़ोसी को नमक मिर्च लगा कथा सुनाती
घर की नौकरानी (मालकिन ) |
क्या ही मस्त रेडियो चलता पड़ोसी का
महिलाओं के समूह में
यों ही बस जीवन कटता
महिलाओं के बात में घर के पुरुष क्यों दखल दें
घर में बैठ कर खाती है
आपस में लड़ती रहती हैं
वाह री लड़की !
क्या है तेरी जिंदगानी |

सपने का सच

अपने सपने के पीछे
इतनी तेज न दौड़ अब
अपने छूट जायेंगे
मंजिल भले मिल जाय तुझे
एक हाथ छूट जायेगा
और रात के सपनों में तुझे
एक आवाज पुकारेगी |

शनिवार, 25 मई 2013

मृत्यु एक जश्न


रात भर जागती रहती है तू
उपर से इतनी तेज स्कूटी चलाती है तू
रास्ते में आंख लग गयी तो ?
अच्छा है तेरा छ लाख का इंश्योरेंस मुझे मिल जायेगा
बेटी ने माँ की आँखों में झाँका
...नहीं माँ पूरे दस लाख का है ..
माँ बेटी दोनों खिलखिला के हंस पडीं

बेटी कूदती फांदती घुस गयी नहाने |

गुरुवार, 23 मई 2013

हैरतअंगेज समय


ओ समय !
कितना हैरतअंगेज है तू
तेरा प्रहार
पत्थर को करे चूर चूर
और
आदमी को बनाये फौलाद |

शनिवार, 18 मई 2013

सोने की चेन

सोने की चेन खींचना 
धंधा था उसका 
महिला के गले से उसने चेन खींचा 
बुजुर्ग मोटरसाईकिल ड्राइवर का हाथ डगमगाया 
पत्नी समेत गिरा सड़क पे 
एक हल्ला हुआ 
दोनों हस्पताल पहुंचे 
कुछ दिनों में पति ऊपर पहुंचा 
पत्नी घर लौटी
चोर अपने घर में मौज मार रहा था |

सड़क में भटके इमानदारी


चोरी में एक आनन्द है
व्यर्थ में बदनाम हैं अमीर
आज इमानदारी देखे नहीं मिलती
लोग कहते हैं
गरीब इमानदार होते हैं
जितना भी खुश रखो नौकर को
अच्छा वेतन दो
घर से चावल , चीनी , साबुन , सर्फ
चुराने से बाज नहीं आते वे
कहानियों में वर्णित इमानदारी मिल ही जाती है हमें
सड़क पर घूमती हुई कभी कभी
और वह वापस लौटा देती है
हमें हमारा हमारा बटुआ मोबाइल ब्रीफकेस |