लोगों को
गलतफहमी थी
कि वह अकेला
है
पर स्वाभिमान
उसका साथी था
उसने सुरा को
पास फटकने नहीं दिया
सबकी निगाह
में उसका पद कांटे की तरह चुभता था
उसकी तनख्वाह
की खुशबू से
रिश्तेदार
तिलमिला उठते थे
पर वह अपनी
उपलब्धियों के साथ
हमेशा प्रसन्न
रहता था
धीरे धीरे
दस वर्ष में
वह रोबोट बन
गया |