-इंदु बाला सिंह
पिता ऐसे भी होते हैं ....
अपनी औलादों की जिम्मेदारी से चिंतामुक्त रहते हैं
बेटी तो दान हो जायेगी..दूसरे के घर की शोभा बढ़ायेगी
बेटे को मेरी जरूरत होगी तो मुझे ढूंढ़ता आयेगा
ये पिता .. अपनी पहचान ... अपने जन्मदाताओं में तलाशते हैं
और आजीवन बंधनहीन रह स्वान्तः सुखाय की भावना से ओतप्रोत रहते हैं ।
पिता ऐसे भी होते हैं ....
अपनी औलादों की जिम्मेदारी से चिंतामुक्त रहते हैं
बेटी तो दान हो जायेगी..दूसरे के घर की शोभा बढ़ायेगी
बेटे को मेरी जरूरत होगी तो मुझे ढूंढ़ता आयेगा
ये पिता .. अपनी पहचान ... अपने जन्मदाताओं में तलाशते हैं
और आजीवन बंधनहीन रह स्वान्तः सुखाय की भावना से ओतप्रोत रहते हैं ।
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