बुधवार, 13 दिसंबर 2017

कबाड़ीवाला


-इंदुबाला सिंह
शादीशुदा बेटी ला कर घर में रखना पड़ा 
टी० बी० थी दामाद को
मुहल्ले का ताना सुनता धोबी
अब कबाड़ खरीदने का काम करने लगा
रोज सुबह कबाड़ीवाले का दर्शन मुझे दुखित करने लगा ....
घर में पत्नी और बेटी कपड़े प्रेस कर के कमा ही सकते थे ।

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