शनिवार, 30 जून 2012

हाइकू - 17


विदाई तो है
विदाई कैसी भी हो
दुखद सदा |

घर बनेगा
कुरुक्षेत्र मैदान
तू भी देखना |

स्त्री को दे मान
आज न दे पाए तो
कर सामना |

आज प्यासी है
असि धार खूं की
सामने |

गुरुवार, 28 जून 2012

अनोखी सड़क

जीवन की सड़क पर 
धीमे धीमे चलने से 
नींव का शोरगुल बढ़ जाता है |
इतिहास हमें आतुरतापूर्वक पुकारता है
आवाजें विह्वल करने लगती हैं
और मन पिछले सकड़ों साल के काल में भटकने लगता है |
हाथ के मोबाइल का लोकल स्टेशन लगा
दिमाग हमें वापस ला देता है
आज में |
इतिहास के सहारे जियें हम
तो बन जायेंगे इतिहास
हमें जीना है वर्तमानकाल में |
अविष्कारों को चूमना है
अविष्कार करना है
सम्मान देना है मनुष्यता को |
अपनी औलादों को हमें
समझाना है संघर्ष के महत्त्व को
न सीखने देना है दूसरों के हक छीनने का तरीका |

शुक्रवार, 15 जून 2012

हाइकू - 16


शोषण होए
बीज पड़े घर में
देश क्या करे |

व्यथा कह
दूजे से कभी प्रिय
लूटेंगे वे भी |

कैसा सम्बन्ध
यह है पिता का जो
ठगा पुत्री को |

जी फटा मेरा
तुमसे दूध जैसा
जुड़ा कभी |

शुक्रवार, 1 जून 2012

हायकू - 15


हरसिंगार
महके एक रात
प्रसन्नचित्त |

छोटा सा फूल
सिखाये हमें जीना
पल भोगना |

रंग ली आज
चूनर मैंने देख
तेरे रंग से |

तेरा पेड़ दे
आश्रय पक्षियों को
हमें सुगंधि |