पूरा मैदान बांसों अंटा था
मजदूर खोल रहे थे टेंट खोल रहे थे
जूठे पत्तल पड़े थे
सफाई कर्मचारी झाड़ू ले के लगे थे
सफाई में
सड़क पर दुर्गंध फैल रही थी
चलना मुश्किल था
और
मुझे
पूजा के समय की खुशी , रौनक , भीड़ और दर्शकों को अनुशासित करते
हाथ में लाल हरी बत्ती लिए
पुलिसगण याद आए
दुर्गा पूजा खत्म हो चुकी थी ।
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