-इंदु बाला सिंह
मोह भंग हुआ ....आस न टूटी
कर्तव्य डोर कस के जो बंधी थी
बड़ी कठिन डगर थी ....
ओ असीम शक्तिमान !
शक्ति के अहसास की आस है
मन में शक्ति देना |
मोह भंग हुआ ....आस न टूटी
कर्तव्य डोर कस के जो बंधी थी
बड़ी कठिन डगर थी ....
ओ असीम शक्तिमान !
शक्ति के अहसास की आस है
मन में शक्ति देना |
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