-इंदु बाला सिंह
हर पल जीना
अथक श्रम करना
हिम्मत न हारना
सुख की नींद लेना
कि
ओ युवा !
तेरी भुजाओं में ....तूफ़ान है ... तेरा ईमान है
लिंगभेद से परे ... तू इंसान है .... तू महान है
तुझमें प्रकृति ने अपना अंश दिया है ....
तू
पहाड़ सा कठोर है
वर्षा जल सा निर्मल है
अरे !
तू तो एक मरु - उद्यान है
अपनी मां का जहान है |
हर पल जीना
अथक श्रम करना
हिम्मत न हारना
सुख की नींद लेना
कि
ओ युवा !
तेरी भुजाओं में ....तूफ़ान है ... तेरा ईमान है
लिंगभेद से परे ... तू इंसान है .... तू महान है
तुझमें प्रकृति ने अपना अंश दिया है ....
तू
पहाड़ सा कठोर है
वर्षा जल सा निर्मल है
अरे !
तू तो एक मरु - उद्यान है
अपनी मां का जहान है |