- इंदु बाला सिंह
लाख रोको तुम ... रुकेंगा नहीं वो
बंधेगा न अब वो तेरे प्रेम में
कहीं कमी तूझमें ही रही होगी ...
मन की आस सुला दे तू ...लौटेंगा नहीं अब वो ......
खुश रह तू
पंख उग गये हैं उसके ।
बंधेगा न अब वो तेरे प्रेम में
कहीं कमी तूझमें ही रही होगी ...
मन की आस सुला दे तू ...लौटेंगा नहीं अब वो ......
खुश रह तू
पंख उग गये हैं उसके ।
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