रविवार, 1 जुलाई 2018

तू है कि मानती नहीं



Tuesday, June 19, 2018
7:34 AM


-इंदु बाला सिंह


झूठ से  इतनी नफरत !

इतनी जिद ...

यार !

थोड़ा बहुत झूठ तो चलता है

क्यों चिढ़ती हो तुम .....

सच में झूठ थोड़ा झूठ मिलाने से चटपटी हो जाती है जिदगी

एक ठहाका भगा देता है दुःख को दूर ............

पर तू है कि मानती नहीं

सच की तपिश में झुलसती रहती है ]

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें