बुधवार, 3 मई 2017

सजीव हो उठती है सड़क



- इंदु बाला सिंह

गर्मी की सुबह पार्क के ट्रैक पर चलते चलते न जाने कैसे मैं सड़क पर पहुंच जाती हूं
और नन्हे तुम मेरे बगल में चलने लगते हो ......
तुम्हारी आँखों  में उत्सुकता तैरने लगती है
सड़क सजीव हो उठती है  ।